फिल्मों का जादू
फिल्मों का जादू
चीर कर एक विशाल पोस्टर
प्रकट हुआ फिल्म का नायक
गड़गड़ाई सीटियां, तालियां
गूंज उठी अंधेर नगरी
सुंदर काया, असीम माया
की स्वामिनी वो नायिका
आरज़ू जगाए, आहों पर चढ़
ऊंचाइयां छूती जाए
लड़ाई-झगड़ा, फिर प्यार
तकरार, बेवफाई, गलतफहमियां
विरह की पीड़ा असहनीय
अंत में सुखद मिलाप
इन दोनों की कहानी, हमें
गुदगुदाए, हंसाए, रुलाए
इस कहानी में हम
ख़ुद को ढूंढे जाएं
यूं जुड़ते हैं तार दिल के
फिल्मों की रंगीन दुनिया से
बन जाते नायक-नायिका
चहेते पूरे जहां के।