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Sheetal Agarwal

Inspirational

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Sheetal Agarwal

Inspirational

करूणामयी

करूणामयी

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स्वार्थी से आंसू

छलकें बस स्व दुःख में

पर पीड़ा से रहें परे

छोटे से दायरे में सिमटें


मन की संकरी गलियों में

आने न पाए कोई 

करूणा विहीन मन

कैसे निर्मल होए ?


परदुःख मन में जो बसाए

असीम करूणा की गंग बहाए

तन-मन खरा सोने सा होए

पर दुःख जब वो दिए मिटाए।


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