STORYMIRROR

Sheetal Agarwal

Classics Inspirational

4  

Sheetal Agarwal

Classics Inspirational

दोस्त

दोस्त

1 min
415

यूं ही ज़िन्दगी की राहों में

टकरा जाते हैं दोस्त

हंसते-हंसाते जाने कब

दिल में बस जाते हैं दोस्त


सुनहरी यादों‌ के ख़ज़ाने से

हमें मालामाल बना जाते हैं दोस्त

खनकते जाम, खिलखिलाते लम्हे

जागती रातें, अनगिनत बातें


थिरकते कदम, झूमते मन

सच्चे राज़दार‌ होतें हैं दोस्त

बेबाक हंसी‌ या अविरल आंसू

सांसें बन साथ निभाते हैं दोस्त


यूं ही ज़िन्दगी की राहों में

टकरा जाते हैं दोस्त।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics