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Sheetal Agarwal

Inspirational

4.5  

Sheetal Agarwal

Inspirational

क्षणभंगुर

क्षणभंगुर

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हवा की रवानगी सी

बहती जाएं सांसें

ठन्डे झोंके सी आएं

गुनगुनी धूप सी जाएं


हर सांस कोई दास्तां सुनाए

क्षणभंगुर्ता के राज़ खोल जाए


अनित्य है यह जीवन, यह देह

अनित्य हैं सुख-दुख सारे

जान ले, मान ले,

इस सच को प्यारे


तोड़ आसक्ति के घेरे

मुक्त होता जा रे

जिस मिट्टी से आया है

उसी में मिलना है रे


थामे इस सच की डोर

बढ़ तू मंज़िल की ओर

छोड़ मीठी यादों का बोरा

तोड़ आसक्ति का घेरा।


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