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Sheetal Agarwal

Inspirational

4  

Sheetal Agarwal

Inspirational

पर्व मानवता का

पर्व मानवता का

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आओ मनाएं एक महोत्सव ऐसा

हर जीव, हर कण साथ करे जलसा


धर्म, जाति, वर्ण पूछे न कोई किसी से

मानवता का परचम लहराए सबसे ऊंचे


दीप जलाएं, पेड़ सजाएं, फिरनी पकाएं

कोई न भूखा‌ सोए, अंधेरे से सब बाहर आएं


धरती मां भी शामिल हो इस त्योहार में

उसके शुक्रगुजार हों, उसे संभालें सारे


मां है धरा, देती अमानतें हजार, बार-बार

न हो ज़ार-जा़र, एकलौते पूत सम दें इसे प्यार।



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