महाकाल
महाकाल
न काल की, अकाल की
जय हो महाकाल की।
जिन्होंने की थी भक्ति,
न जाने कितने साल की।
क्या शान है , सम्मान है,
सर्व शक्तिमान है ।
तेरे सामने सारे शत्रु ,
बहुत ही समान है ।
प्राण दे और प्राण ले,
जो माँगे वो दान दे।
शक्ति इतनी है उसमें,
हिला सारा जहान दे।
टला है या बला है,
मंज़िल पर चला है।
रावण का भोले के साथ,
क्या मुकाबला है ।
भक्त तुझे पूजते,
सवाल एक ही पूछते।
कहते प्रभु मेरी इच्छा,
तू ही खुद से बूझ ले।
क्या ताल है , चाल है ,
ये कैसा बुरा काल है।
न जाने कितने साल बीते,
पर एक ही महाकाल है ।