STORYMIRROR

Madhu Gupta "अपराजिता"

Classics Crime Inspirational

4  

Madhu Gupta "अपराजिता"

Classics Crime Inspirational

मन को बहुत डराता है

मन को बहुत डराता है

1 min
390

मेरे देश की एक समस्या

मुझको हर दिन बहुत डराती है

कब होंगी सुरक्षित इस देश की बेटियाँ

ये सवाल हर दिन 

मन के कोने में चोट करता है


कब तक निर्भया, श्रधा 

और ना जाने कितनी बेटियाँ

धोख़े और हवस का शिकार बनेंगी

कभी सुरक्षित हो कर वो

मन मर्जी से घर से बाहर आया - जाया करेगी


साथ किसी का उनको

ना आवश्यक होगा

माता पिता भी बेफिक्र हो कर 

राहत की सांस लेंगे


कौन करेगा वादा ये

बेटी का दामन पाक रहेगा

धोख़े से कोई उसके

अभिमान पर अब ना चोट करेगा 


रहे सलामत उसकी अस्मिता

इस देश में ऐसा कानून बनेगा

कोई भी बेटी ना अब

हवस और धोख़े की भेट चढ़ेगी


तब मन से डर निकलेगा 

और स्वतंत्र और निर्भय हो कर वो घूमेंगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics