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Indu Tiwarii

Romance

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Indu Tiwarii

Romance

मन की बात

मन की बात

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मन की बात कहने की

कोशिश तो बहुत की..

पर तुमसे कभी कह न पाई

कभी डर से...

कभी झिझक से...

कभी शरम से...

तो कभी भरम से...


तुझे पाने की

कोशिश तो बहुत की...

पर दूरियां,

नज़दीकियां न बन पायीं

कभी डर से...

कभी झिझक से...

कभी शरम से...

तो कभी भरम से..


दूर तुमसे जाते हुए

कोशिश तो बहुत की....

पर मुड़ कर बार-बार तुझे देख न पायी

कभी डर से...

कभी झिझक से...

कभी शरम से...

तो कभी भरम से..


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