मिलती नहीं वजह है।
मिलती नहीं वजह है।
जानें क्यूं हमसे ये जिन्दगी खफा है।
ढूंढा बहुत पर मिलती नहीं वजह है।।1।।
किसी को भी हम पे अकीदा ना रहा।
हमको मिली बे-गुनाही की सजा है।।2।।
मलंग बनकर ये आशिक भटकते है।
कमबख्त इश्क भी लगे एक नशा है।।3।।
रुखसारों पर ये लाली ओंठ गुलाबी।
हमको तो इन हुस्न वालों ने ठगा है।।4।।
हर सितम सहकर वो इश्क करते है।
सच्चे आशिक यूं हो जाते रुसवा है।।5।।
हमको वफाओं में मिली बेवफाइयां।
इश्क में हमें वो बस देते रहे दगा है।।6।।