सरसराती हवा अक्सर हमसे लिपट जाया करती थी, सरसराती हवा अक्सर हमसे लिपट जाया करती थी,
जीते जी दोजख में जलते रहे, मरने के बाद न ठिकाना मिला जीते जी दोजख में जलते रहे, मरने के बाद न ठिकाना मिला