मेरी ख़ुशी में हो तुम, गम में हो तुम, गम से भरी उस शाम में हो तुम।। मेरे सुकून में हो तुम, नींद में ... मेरी ख़ुशी में हो तुम, गम में हो तुम, गम से भरी उस शाम में हो तुम।। मेरे सुकून म...
दिमाग से बाहर जो दिन रात ये मीडिया अंदर भरती है। दिमाग से बाहर जो दिन रात ये मीडिया अंदर भरती है।
जिंदगी पर जो तवज्जो दी जिंदगी का सबक समझ आया मुझको। जिंदगी पर जो तवज्जो दी जिंदगी का सबक समझ आया मुझको।
उम्मीदों का जब मिले सहारा ये जीवन नैया आगे बढे! उम्मीदों का जब मिले सहारा ये जीवन नैया आगे बढे!
जीते जी दोजख में जलते रहे, मरने के बाद न ठिकाना मिला जीते जी दोजख में जलते रहे, मरने के बाद न ठिकाना मिला