महंगाई
महंगाई
सूखी रोटी खा रहा पप्पू,
कहा-दूध, घी महंगा भाई,
मांग तांग कर कुल्हड़ में,
देखो कितनी छाछ मंगाई।।
चिमनी जलाकर बैठ गई,
देख लो घर में धापा ताई।
कहा-बल्ब नहीं जलाऊंगी,
बढ़ी देश में अब महंगाई।
सात दिन गाड़ी न चलाना,
पैदल ही घर आना जाना,
पेट्रोल डीजल भाव बढ़े हैं,
ऐसे में पेट्रोल को बचाना।
ईंधन जला बनाई हैं रोटी,
बोली ताई किस्मत खोटी,
सिलेंडर की पड़ी खूब मार,
ईंधन से हो गया है प्यार।
बैलगाड़ी में बैठ चली वो,
लाई रखकर घास व फूस,
बोली ताई बुरा वक्त आया,
महंगाई लेगी ये खून चूस।।