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DEVSHREE PAREEK

Romance Fantasy Others

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DEVSHREE PAREEK

Romance Fantasy Others

चंदन की कतार....

चंदन की कतार....

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तेरे जिस्म की खुशबू, मुझमें यूँ सिमट आई है

जैसे किसी ने बियाबान में, चंदन की कतार लगाई है...


प्यार तो उनको भी हमसे, ना जाने कैसे हो गया

जीतें हैं कभी मरते हैं कभी, क्या अजब सौदाई है...


जिंदगी कदम दर कदम, लेती है हिसाब वफ़ा का

मिटा दिया खुद को, लोग फिर भी कहते हरजाई हैं...


मुस्कुराहट भरी तेरी नजर, होंठों पे हंसी दे जाती है

आईने को देखकर बारहॉं, खुद ही से नजर छुपाई है...


आपकी बज़्म में ये निगाहें, जो मुझ तक भी आ पहुँची

 बड़ी मेहरबानी आपकी, जो नज़रें करम फरमाई हैं...



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