डायरी
डायरी
मेरी डायरी हर रात मेरी
पक्की सहेली बनती है,
मेरे मन की सारी बातें सुनती
फिर उन्हें सहेज़कर रखती है !
दिन भर की अपनी सारी बातें
मैं अपनी डायरी में लिख लेती हूँ,
कभी होता आँसुओं का जिक्र
तो कभी खुशियों से भी मिल लेती हूँ !
मेरी डायरी हर रात मेरी
पक्की सहेली बनती है,
मेरे मन की सारी बातें सुनती
फिर उन्हें सहेज़कर रखती है !
दिन भर की अपनी सारी बातें
मैं अपनी डायरी में लिख लेती हूँ,
कभी होता आँसुओं का जिक्र
तो कभी खुशियों से भी मिल लेती हूँ !