STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Classics Fantasy

3  

V. Aaradhyaa

Classics Fantasy

डायरी

डायरी

1 min
213

मेरी डायरी हर रात मेरी

पक्की सहेली बनती है,


मेरे मन की सारी बातें सुनती

फिर उन्हें सहेज़कर रखती है !


दिन भर की अपनी सारी बातें

मैं अपनी डायरी में लिख लेती हूँ,


कभी होता आँसुओं का जिक्र

तो कभी खुशियों से भी मिल लेती हूँ !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics