नहीं है
नहीं है
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नहीं है तुम सा कोई दुनिया में,
ये कहती है रास्तों पर बहती हवाएं I
नहीं है मेरी मंज़िल भी ये अदाएं
ये कहती है यादों की बहती सदाएं I
नहीं है तुम सा कोई दुनिया में,
ये कहती है सुबह से शाम जब आए I
नहीं है कोई अहसास आँखों में अब
ये कहती है सूखे कोरे पल्कों के साए I
नहीं है तुम सा कोई दुनिया में,
ये बात समझा रहा है दर्द को आँहें I
नहीं है मुझमे भी कुछ बाकी बचा
ये कहती है तनहा से खली वफ़ाएं I