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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Tragedy Fantasy

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Tragedy Fantasy

कुछ कमी तो है

कुछ कमी तो है

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बेवजह तो नहीं नैनों में नमी है

मेरी चाहतों में कुछ तो कमी है..


छूती नहीं तेरे एहसासों की गर्मी 

दर्मियाँ अपने ग़मे बर्फ़ ज़मी है..


धीरे-धीरे बदले मिजाजी-मौसम

बस तभी से मेरे दिल में गमी है.. 


रख दिया हथेली जबसे माथ पर 

सारी सुधियां मन में ही थमी है..


दूरियों के ख्यालों से डरे दिल मेरा 

धड़कने भी मेरी कुछ सहमी है..


कर लीजिये यक़ीनन यकीन मेरा 

रोम-रोम में मेरे तेरी साँसे रमी है..


दरमियान अपने जो धुंध छायी है

हक़ीक़त नहीं ये ग़लतफ़हमी है..



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