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akhilesh kumar

Fantasy

3  

akhilesh kumar

Fantasy

उन दिनों

उन दिनों

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उन दिनों

जब बुखार से

कांपेगा जिस्म

पानी के लिए

चींदना पड़ेगा

किसी सूखी नदी का कलेजा

अपने नाखूनों से

..और बहुत मन होगा

फुर्सत में किसी के कांधे पे

सिर रख के रोने का

तब.....

काम नहीं आएंगी 

ये तुम्हारी, हमारी सेल्फी

हमारे अपने 

रिश्ते ही बचाएंगे हमें 

तब, सबसे पहले रिश्ते बचाए जाएं

सेल्फी वाली अंगुलियों को 

आराम दे दें 

किसी के आंसू पोंछने के लिए



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