महाराज-जसराज
महाराज-जसराज


कुंडलियां
संगीत के पंडित थे,
सुरों के महाराज।
पॉप रेप हुड़दंग में,
न बजेगा जसराज।।
न बजेगा जसराज,
छोड़ गया है धरती।
संगीत तो अजर है,
सबके कंठ बसती।।
कहे 'सिंधवाल' मित्र,
सुरों से बनी रे मीत।
मन अशांत होय तो,
सुनें शास्त्रीय संगीत।।