रास्ते ज़िंदगी के
रास्ते ज़िंदगी के
तू पथिक है,ज़िंदगी का
चलना तेरा काम है,
उलझनें तो बहुत आएंगी
रास्तों में,
और उन्हें सुलझाना
तेरा काम है।
मन भटकेगा कि लौट जाएं,
मन भटकेगा कि आसान रास्ता
अपना लें,
परन्तु मन को बस में करना
ये तेरा काम है।
तू पथिक है ज़िंदगी का
चलना तेरा काम है।
जरूरी नहीं कि तेरे
सफर में बस फूल हों,
कांटों का होना तो तय है,
पर उन कांटों से खुद को
बचाना तेरा ही तो काम है।
लोग बहुत आएंगे
सहारा देने,
परन्तु कौन तेरा हितैषी है
और कौन नहीं,
ये पहचानना तेरा काम है।
तू पथिक है ज़िंदगी का
चलना तेरा काम है।
