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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

4.0  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

प्रभु को धन्यवाद पत्र

प्रभु को धन्यवाद पत्र

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धन्यवाद हे प्रभुजी ! तुम्हारा

आभारी हर पल हूं प्रभु तुम्हारा।

बिन तेरी आशीष प्रभु इस जगत में,

कोई न है मेरा सहारा।


धन्य हूं पाकर ये जीवन

अनगिनत उपहारों के संग।

अनुकम्पा ही है प्रभु तुम्हारी

जो जीवन में हैं खुशियों के रंग।


प्राण प्रिय परिजन दिए हैं

संबंधी और मित्रों के संग।

भेंटें हैं अनुपम तुम्हारी

जिताते जो जीवन की जंग।


मुझको हर ग़म से बचाकर

जीवन खुशी से भर दिया।

धूप देकर ले लीं कुछ परीक्षा

आत्मबल उन्नत कर दिया।


मोह परिपूरित जगत में

कभी लक्ष्य से भटकूं नहीं।

भक्ति देना निज चरण की प्रभु

हरदम चुनता रहूं सत्पथ सही।


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