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Suresh Koundal 'Shreyas'

Abstract Classics

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Suresh Koundal 'Shreyas'

Abstract Classics

भाई दूज की पावन बेला

भाई दूज की पावन बेला

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देखो कितनी शुभ घड़ी आई 

हुई नव भोर उमंगें लहराईं

अपने भैय्या को तिलक लगाने 

उसकी प्यारी बहना आई 


चन्दन कुमकुम दीप जलाकर 

थाली हाथ में ले कर आई

आने से उसके खिल गई कलियां 

घर, आंगन, गलियाँ महकाईं


भाई दूज की पावन बेला

सबके घर में खुशियां लाई 

भैया के मस्तक तिलक लगाकर

प्यारी बहना मन में हरषाई


पुलकित हो उसकी अखियों से 

अश्रु की ...धारा बह आई

वचन सुरक्षा का लेकर

आनंदित हुई ..और मुस्काई


स्नेहाशीष भाई का पाकर 

झोली प्यार से भर लाई 

भाई बहन का रिश्ता खास

सारे जहां की खुशियां समाई 


जुग जुग जीये उसका भैया

अनन्त दुआएं दे कर आई।


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