मेरी दीवाली
मेरी दीवाली
इस बार
मेरी दीवाली
कुछ खास नही रही
बुझी बुझी से रही
मेरी जिंदगी में हर ओर
अँधेरा सिर्फ अँधेरा घा
जो मुझे कही जाने नही दे रहा रहा
नजर में तो हर तरफ रोशनी थी
बस जिंदगी में नही
मेरा बेटा मुझे छोड़कर
चला गया इतनी दूर की मैं
चाहकर भी उसके पास नही आ सकती
आपमे संग वो मेरी हर खुशी ले गया
इस मुझे उफस छोड़ गया
अब पता नही उसके बिना
कब तक जीना है।