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Divyanshi Triguna

Romance

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Divyanshi Triguna

Romance

मेरे सांवरिया.......

मेरे सांवरिया.......

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मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने मन में पाया है .......

सब जानो मेरे मन की तुम, तुमसे कुछ ना छुपाया है , 

मेरी सांसे हो सारी तुम, मेरी सांसों में तू ही समाया है , 

राधा रानी कहा तुमने, तुमने यह साथ निभाया है , 

मुझे खुद से बढ़कर चाहा है , हर कदम पर साथ निभाया है ,

मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने दिल में पाया है ....... 

तुमने मेरे दिल को चुराया है , 

चुरा लिया है मुझको मुझमें से, 

मुझ में बाकी कुछ ना रह पाया है , 

जब-जब ढूंढ ढू खुद को, तो मुझे तू ही नजर आया है , 

सजी-सबरी हूँ मैं तेरे लिए, तुझे देख कर मन मुस्कुराया है ,

तुम्हे आत्मा से अपनाया है , हमने दिल से प्रेम निभाया है ,

जाने कब मिलोगे तुम, तुम्हें देखकर मन शर्माया है , 

जो बात तुम्हारे मन में हो, मेरे मन में वहीं आया है ,

जो ठान लिया मन में, वो ना रहकर भी निभाया है , 

ना भटकू कभी दुनिया में मैं, तुमने हर पल मुझे समझाया है ,

जो नाम दिया तुमने, वही नाम मैंने अपनाया है , 

जाने कैसे रिझा लिया तुमने, मेरे जीवन की तू ही माया है , 

ना चाहिए और कुछ मुझे, तुम्हें जीवन में मैंने पाया है , 

मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने जीवन में पाया है .......


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