मेरे सांवरिया.......
मेरे सांवरिया.......
मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने मन में पाया है .......
सब जानो मेरे मन की तुम, तुमसे कुछ ना छुपाया है ,
मेरी सांसे हो सारी तुम, मेरी सांसों में तू ही समाया है ,
राधा रानी कहा तुमने, तुमने यह साथ निभाया है ,
मुझे खुद से बढ़कर चाहा है , हर कदम पर साथ निभाया है ,
मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने दिल में पाया है .......
तुमने मेरे दिल को चुराया है ,
चुरा लिया है मुझको मुझमें से,
मुझ में बाकी कुछ ना रह पाया है ,
जब-जब ढूंढ ढू खुद को, तो मुझे तू ही नजर आया है ,
सजी-सबरी हूँ मैं तेरे लिए, तुझे देख कर मन मुस्कुराया है ,
तुम्हे आत्मा से अपनाया है , हमने दिल से प्रेम निभाया है ,
जाने कब मिलोगे तुम, तुम्हें देखकर मन शर्माया है ,
जो बात तुम्हारे मन में हो, मेरे मन में वहीं आया है ,
जो ठान लिया मन में, वो ना रहकर भी निभाया है ,
ना भटकू कभी दुनिया में मैं, तुमने हर पल मुझे समझाया है ,
जो नाम दिया तुमने, वही नाम मैंने अपनाया है ,
जाने कैसे रिझा लिया तुमने, मेरे जीवन की तू ही माया है ,
ना चाहिए और कुछ मुझे, तुम्हें जीवन में मैंने पाया है ,
मेरे सांवरिया मैंने तुम्हें अपने जीवन में पाया है .......