मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र मेरे साथ चल
बाधायें सारी दूर होंगी
जिंदगी है घिरी अँधियार में
प्रिय आपसे ही नूर होगी..
बड़ी दूर तक जाना हमें हैं
इस जिन्दगी की राह में
एक दूसरे को हम सम्भालें
इक दूजे को भर के बांह में..
मेरे हमसफ़र हमदर्द तुम
मेरी रुह में बसे हुए हो
हाँ साँसों के संग बहते हो
अंग अंग में सजे हुए हो..
प्रिय आप साथ ही मेरे तो
जिंदगी आसान लगती है
बिन आपके मेरी जिन्दगी
हमें तो बेजान लगती है..