मेरा पहला प्यार हो तुम
मेरा पहला प्यार हो तुम
मेरा पहला प्यार हो तुम
ख़ुशियों का संसार हो तुम
मस्तानी जवानी के आंचल का
यौवन का इकरार हो तुम।।
हर लफ़्ज तेरा दीवाना है
तुझ मे ही मेरा आशियाना है
है कौन से जज़्बात तेरी बांहों में
हर अदा पर दिल दीवाना है
मेरी हमदर्दी का पतवार हो तुम
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
वो पहली डगर पर जब देखा था
क्या पता दीवाना कर जायेगी
तेरा शरमाना और तड़पाना
मुझ को घायल कर जायेगी
पहली मोहब्बत पहली नजर की
क़ातिल लम्हो की आग हो तुम
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
ये आग लगी थी तुझ में भी
दिल तेरा भी दीवाना था
लिहाज का दरिया पार करके
अपना आग बुझाना था
प्यार मोहब्बत का डगर
और दर्द का अहसास हो तुम
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
दिल में अरमान जगाती हो
जुल्फों से बगावत लाती हो
बहकती हुई जवानी में
लहर सुनामी लाती हो।
है अंग तेरा चिनगारी
सावन की बरसात हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
दिन भर आईनों से प्यार
और पूरा दिन सिंगार।
शर्म से आँचल का सरकना
नज़रों से नजर का लड़ना।
ख्यालों में मेरे डूबी हुई
आँसू की बौछार हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
ना ज़माने का डर है
ना इज़्ज़त की परवाह है।
तेरे हाथों में लगी मेंहदी
मेरे मोहब्बत की गवाह है।
गुलाब से महकते पन्नों वाली
इश्क़ का किताब हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
है हुस्न तेरा ये कातिल
नज़रों से मार गिराता है।
इक दर्द जो खाये आशिक़
फिर आशिक़ ही हो जाता है।
मदहोश जवानी की महफ़िल की
अंगूरी शराब हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
अब याद है आते वो लम्हे
जब इक दूजे से मिलते थे।
आँखों ही आँखों से केवल
हर बातें हम कहते थे।
तुम मेरी ना हो सकी
तुम कहती मेरा जान हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
अब ढूंढ रही है ये आँखें
उन राहों, गलियारों में।
जिससे गुजरती थी तुम कभी
मुझसे मिलने सिवारो में।
अब टूट गयी जीने की चाहत
अब हो गयी अंजान हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
ना जी सका ना मर सका
ना दर्द को ही भूल सका।
उनके आने की उम्मीद में
ना दिल कही ये घुल सका।
मेरी धड़कन मेरी ताक़त
मेरी चलती सांस हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।
प्यार पहला अंत तक
धड़कन में धड़कता है।
प्यार अधूरा हो या पूरा
ओ प्यार कभी न मरता है।
करता हूँ मोहब्बत की पूजा
“अशोक” सुबहो शाम हो तुम।
मेरा पहला प्यार हो तुम।।