पैसा
पैसा
पैसा जीत कराता है,
पैसा हार कराता है,
जिंदगी और मौत का,
पैसा खेल रचाता है।
पैसों के विवाद सारे,
हर जगह पर है घनेरे,
है टूट जाते शादी के,
क्षण भर में सात फेरे।
पैसों के खातिर निर्धन,
को न मिलती है शिक्षा,
भूख से पीड़ित अनाथ बच्चे,
दर-दर माँगते है भिक्षा।
पैसों के बिना मरीज की,
दवा नहीं हो पाती है,
बिना किसी इलाज के,
सांसे टूट जाती है।
मार्ग धरम का छोड़कर,
घुटने टिकवाती है पैसा,
भोले-भाले मासूमों का,
गला कटवाती है पैसा।
प्रेम के शीतल नीर में,
पैसा आग लगाता है,
जिंदगी और मौत का,
पैसा खेल रचाता है।।