प्यार सिर्फ अहसास है...!
प्यार सिर्फ अहसास है...!


प्यार क्या है?
अक्सर दिल पूछता है
हमें बरसों लग गये
इसका जवाब पाने में
हाँ, मुझे प्यार भी मिला
जवाब भी मिला
प्यार जब से हुआ
अब तक बढ़ता ही गया
हर दिन नये-नये पन्ने
खुलते गये।
उन पन्नों को पढ़ना
उन को संजो कर रखना
प्यार का रिवाज है।
प्यार दोनों ओर से
हो तो प्यार है
नहीं तो अधूरा
संसार है
सच कहूँ
तुम्हारे होठों के
छुवन का अहसास
तुम्हारे हाथों का स्पर्श
न होते हुए भी
अहसास दिलाता है
तुम्हारे बालो में
उंगलियों को गोल गोल
घुमाना।
इक अहसास ही तो है
जो सीने को धड़काता है
नाभी को तड़पाता है
आंखे बंद हो जाती है
पलकों पर चुम्बन
का अहसास जब होता है
सिमट जाता हूँ
तुम्हारे कोमल बाहों में
तकिया बना के सोता हूं
जी भर के प्यार करुं
बाहों के आगोश में
होंठ सूख जाते है
गला सूखने लगता है
पी लेते है जाम
त
ुम्हारे मदहोश होठों से
प्यार सिर्फ अहसास है
तुम पास भी नही
फिर भी ये सब होता है
शायद जो पास
होने पर भी न हो
जितना हमने
महसूस किया
उतना तुम भी करती हो
शायद यही प्यार है
बिन देखे बिन मिले
सिर्फ अहसास
सिर्फ महसूस करना
प्यार का वजूद है
आँख में मेरे आंसू
हो तो क्या हुआ
गिरता है तुम्हारे आंखों से
प्यार में हमने महसूस किया
यहाँ दो नही होते
सिर्फ एक होते है
सुख-दुःख,
आंसू-मुस्कान
दोनों में एक साथ
दिखता है
प्यार इबादत है
इन्तजार है
सुकून है
दो जिस्म है तो क्या हुआ
जान तो एक हुआ करता है
दिल की आवाज हो तुम
होठो की मुस्कान हो तुम
मेरी दुनिया मेरी तमन्ना
मेरी रूह हो तुम
प्यार इक अहसास है
ना देखा था कभी
ना सुना था कभी
जब से तुम मिली
तो जाना हमनें
प्यार तो सिर्फ अहसास है
“अशोक” प्यार का
यही जवाब है।।