मेरा भारत, मेरा गौरव
मेरा भारत, मेरा गौरव
मेरा भारत, मेरा गौरव,
मुझे इस पर अभिमान है,
यह जान हमारी शान हमारी,
इस पर सब क़ुर्बान है।
अनेक धर्म के लोग यहाँ,
घुल-मिल कर रहते हैं,
यहाँ हर बात से ऊँचे उठकर,
पहले खुद को भारतीय कहते हैं।
यहाँ माँ के लिये बच्चा कभी,
बूढ़ा होकर भी बड़ा नहीं होता,
यहाँ शिष्य के लिए गुरु का मान,
भगवान से कोई कम न होता।
मेरा देश वह स्थान है,
जहाँ अतिथि देवता समान है,
विश्व के सात अजूबों में एक,
ताजमहल हमारी शान है।
सबसे बड़े ग्रंथ रचे गये यहाँ,
रामायण, महाभारत का निर्माण हुआ,
हर एक कार्य का जुगाड़ यहाँ
यहीं शून्य का आविष्कार हुआ।
यहाँ संस्कारों पर जोर है,
यहाँ हर मुसीबत का तोड़ है,
यहाँ आपस मे विश्वास है,
यहाँ रिश्तों का संगम ख़ास है।
योग और आयुर्वेद का,
हमसे ख़ास नाता है,
एक बार गौर से ध्यान दो और देखो,
यहाँ की हर बात में गौरव की गाथा है।।
