खुद को न बदलें
खुद को न बदलें
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खुद को तुम न बदलो भैया ,
दुनियां को तुम बदल डालो,
अपनी कमियां अच्छी लगती ,
दूसरो की अच्छाई भी बुरी लगे,।
खुद गंदगी करते फिरते हैं ,
दूसरो को समझते रहते हैं,
ऐसे लोग इस दुनियां में ,
बहुतायत मिल ही जाते है ,।
दूसरो को देख जलने वाले ,
करना चाहे है सबका बुरा,
खुद को सच्चा है वो समझे ,
जो झूठ के हैं घर में बसे ,।
सामने है वो बड़े अच्छे बनते ,
खूब तुम्हारी तारीफ वो करते ,
पीठ पीछे मुड़ते ही वो तुम्हारे ,
वो खूब बुराई करते ही प्यारे,।
