मैं न लिखूँगा
मैं न लिखूँगा
मैं न लिखूँगा
आँसुओं में भिगो
किसी कागज पर
अपने आत्मा की बात
कि रोते हुए चेहरे
न पसंद किसी को
रोते हुए जज़्बात
चलो तुम सुनाओ
अपने कुछ रंगीन पल
जो सिर्फ आज हो
न हो कोई बिता कल
पर दुर्भाग्य अभी तो
वर्तमान सिर्फ तुम और हम हैं
जिसे खो देते हैं बीते कल पर
और जो आज की खुशी है
कल रुलायेगी
बुरे पल वर्तमान को
अच्छे पल भी वर्तमान को
चलो इनसे सीखूंगा
मैं न लिखूँगा
आँसुओं में भिगो
किसी कागज पर
