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Neha Yadav

Drama

3  

Neha Yadav

Drama

माँ का स्नेह सबसे बड़ा

माँ का स्नेह सबसे बड़ा

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मत रो माँ मुझे भूख नहीं लगी

तू गोद में ले के लोरी सुना दे माँ

मुझे भूख नहीं लगी।


बड़ा होने दे माँ तेरा हर दर्द ख़त्म हो जाएगा

तेरा बेटा बड़ा हो के तुझे बड़ा बनाएगा

अब मत रो माँ मुझे भूख नहीं लगी।


हर सपना साकार करूंगा तेरा

तुझको हर सुख चैन दूंगा

बेटा हूं तेरा तुझे कभी ना दुख होने दूंगा

अब मत रो माँ मुझे भूख नहीं लगी।


हर बेटा अपनी मां को यही सांत्वना देता है,

माँ अपने कलेजे के टुकड़े को

पाल पोस कर बड़ा करती है,

तो वहीं बेटा माँ के बुढापे का

सहारा नहीं बन पाता जिसके,


बचपन का सहारा मांँ अपना हर दर्द

किनारे करके उसका पेट भरती है।

कोई दरगाह नहीं छूटता इसको

अपने लिए की सलामती नहीं मांगी हो।


ये बात सिर्फ बेटे नहीं, बेटियों को भी

समझना जरूरी है क्यूंकि वृद्धा आश्रम

कभी ना बनता जब एक बहू, बेटी बन

उस घर के हर सुख दुख को

अपनाकर खुशहाली भर देती।


माँ-पिता अपने हो या पति के,

पति पत्नी को दोनों से जुड़े हर

रिश्ते का सम्मान,

अपनापन और प्यार देना

सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।


हर घर मंदिर बन जाएगा जब बहू, बेटी

और दामाद, बेटा बन जाएगा।


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