लव
लव
प्रेम ईश्वर का अनमोल उपहार हर इंसान का पहला प्यार माँ
प्रेम ,प्यार, मोहब्बत, इश्क, लव' है ये अनोखा एहसास
होता है यह एहसास किसी किसी को ही नसीब से
जब प्रेम हो जाए तो जादूई लगती है दुनिया
प्रेम पूरा हो जाए तो खुशियो के साथ उभरते सवाल हजार
गर अधूरा रह जाए तो दुनिया लगती बेमानी सी
प्रेम है माँ के आँचल में
प्रेम है पक्षियोके कलरव में
प्रेम नदियों के कलकल मे
प्रेम है फूलों की खुशबू मे
कहाँ नहीं है प्रेम
जर्रे- जर्रे में है प्रेम समाया
मिला किसी को प्रेम का सागर
तो कोई तरसे हैं प्रेम की एक बूंद को
जैसे तरसे हैं चातक
प्रेम पायल की छन छन
प्रेम भोजन की खुश्बू में
प्रेम की मौन भाषा
हृदय' जाने पहले
पर ,समाये प्रेम आँखो
से उतरकर दिल में,
प्रेम के पीर की न ही
कोई दवाई प्रेम के रोगी
छैनी की चोट से बना दे
रास्ता पहाण में
प्रेम की ताकत ऐसी जिसके आगे झुकता वो सर्वेश्वर भी।
प्रेम की ऐसी महिमा वो करले वश में उस सर्वेश्वर को भी।