जिंदगी.....!!
जिंदगी.....!!
जिंदगी कुछ उलझ तो..
कभी सुलझ जाया कर....
यूँ न हर बार मुझे आज़माया कर....
हर कदम पर मुश्किलें दे..
कभी रास्ता दिखाया कर..
यूँ न हर बार मुझे भटकाया कर......
माना नहीं कभी रहे अपने...
कभी अपना भी बनाया कर...
यूँ न हर बार मुझे भुलाया कर.....
ख्वाहिशें चाह कभी न रही..
आँखों में ख्वाब सजाया कर..
यूँ न हर बार मुझे सताया कर....
ज़िंदगी तू हसीन ख्वाब है ..
कभी सच से मिलाया कर...
यूँ न हर बार मुझे समझाया कर........
नंदिता ने देखा जब भी आईना..
अश्कों में न झलकाया कर....
यूँ न हर बार मुझे जिंदगी से बहलाया कर..............!!