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Shweta Mangal

Drama

5.0  

Shweta Mangal

Drama

लम्हे

लम्हे

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उन लम्हों का साक्षी है

यह शांत, निर्मल,

नीला अम्बर,

यह इठलाती, बलखाती,

लहराती शीतल हवा।



उन पलों के गवाह हैं

यह नीड़ की ओर उड़ते

कतारबद्ध पक्षी,

ये हरे-भरे वृक्ष

अपनी बाँहों में

समेटे असंख्य नीड़ों को।


और आज जब बैठी हूँ

मैं तन्हा, अकेली, उदास

तो यह शीतल हवा,

यह नीला अम्बर।


ये कतारबद्ध उड़ते पक्षी,

यह चहचहाते वृक्ष

सभी झंकृत कर देते हैं

मेरे कोमल मन को।


और याद आ जाते हैं

वे लम्हे,

वे पल,

जो बिताये थे कुछ

अपनों के संग l


सच आज वो सब लम्हे

बन गये हैं हसीन यादें

काश उन पलों की यादें

यादें न रहती।


और वो लम्हे

फिर मेरे समक्ष

जीवंत हो उठते।।


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