लिखते चले गए
लिखते चले गए
जाने क्यों प्यार करने वालो की किस्मत ही खराब होती है,
जब तक ना मिले जुदाई
प्यार का एहसास पूरा नहीं होता,
सोचा ना था हमने की प्यार की राहों पर चलेंगे हम,
लैला-मजनू, हीर-रांझे की तरह प्यार करेंगे हम,
लिखने का कोई शौक नहीं था हमको,
प्यार तुझसे जो किया तो तेरे प्यार में कलम हाथ में थाम ली,
अपने एहसासों को लिखते रहे फाड़ते रहे,
पहली कविता तो टुकड़े बनकर कचरा हो गयी,
लगता था हमको की हम कोई कवि तो नहीं,
जो हमारे एहसास सही होंगे औऱ अपने एहसासों को फाड़ कर फेंक देते,
धीरे धीरे इन कविताओं को अपनी डायरी का हिस्सा बनाते गए,
तेरी प्रेरणा जो मिली तो लिखते ही चले गए,
अब तो हज़ारो कविता हमारी डायरी का हिस्सा हो गयी है,
मेरी प्रेरणा कल भी तुम थे और आज भी तुम ही हो,
जब भी लिखना बन्द करते है तुम हमसे नाराज हो जाते हो,
कलम थाम लो फिर से ये पैगाम दे जाते हो।
