लीलाधर की लीला
लीलाधर की लीला
आज जन्म है लीलाधर का
जाप चलेगा हरि हरि का
इस धरातल पे जन्म लिया
मानव का कल्याण किया........
आज खुशी में जन्माष्टमी का पर्व मनाते
बाल गोपाल के आगमन में भजन कीर्तन
किये है जाते....
कर लो अब सब मिल के तैयारी
लड्डू गोपाल की आ रही है सवारी..
प्यार मित्रता का है जो अनोखा संगम
उसका विराट स्वरूप है यशोदा का नंदन
जन जन को मित्रता का पाठ पढाया
निश्चल प्रेम का दर्श कराया..
वृंदावन की गलियों मे रास रचाया
राधा के प्रेम को भी इस ब्रह्माण्ड में
सम्मान दिलाया..
मीरा की ऐसी लौ जगाई
सबसे बड़ी भक्त कहलाई
भजन गाते गाते प्रेम की अलख
जगाकर आप मे ही समाई..
सुदामा के संग मित्रता
संसार के लिए एक संदेश था
गरीब मित्र को गले से लगाकर
चरणों को स्नान कराकर..
अपने सिंहासन पर बिठाकर
अपने हाथों से भोजन कराकर
सुदामा के संकोच को मिटाया
धन्य है प्रभु आप आपने मित्रता
मे अपनत्व का अहसास दिलाया.........
असुरों को डराया
मामा कंस को भी सबक सिखा
पूतना का वध किया
कालिया नाग के मस्तक
पर नृत्य दिखाया..
गोवर्धन पर्वत को ऊँगली पर उठाकर
अपनी लीलाओं का दर्शन कराया..
भिन्न भिन्न नामों से है पुकारे जाते
कोई ठाकुर जी कोई बाँके बिहारी
तो कोई बाल गोपाल और कृष्ण बुलाते
दर्शन कर तुम्हारे लोग भावुक हो जाते
अश्रु धारा बहने लग जाती और भक्ति
प्रेम मे तुम्हारे खो जाते..
आज फिर जश्न मनाओ
छलिया आएगा
मोह की आग लगाएगा
लीलायें दिखाएगा..
सबके दुख दर्द मिटाकर
छलता जाएगा
फिर से वो कन्हैया दिल मे समायेगा..