लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी
लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी
बहुत कुछ है इस दिल में
जो सुनाना चाहता हूँ तुम्हें
जिंदगी मेरी अभी भी है तेरी
लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी ।
अब तक खाली है जगह तुम्हारी
भाया न दूजा और कोई कभी
इतनी याद सताती है तेरी
लौट आओ , तुम्हें कसम है मेरी ।
सपने भी नहीं आते हैं अब तो
पागल मन को कौन समझाए
थक गया हूँ अकेले रह रह के
लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी ।
कितना रोया हूँ मैं तन्हा
छुपा न सका दर्द अपना
कोई और न मिला तेरे जैसा
लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी ।
बहुत कुछ है इस दिल में
जो सुनाना चाहता हूँ तुम्हें
जिंदगी मेरी अभी भी है तेरी
लौट आओ, तुम्हें कसम है मेरी ।