मेरी परी
मेरी परी
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मेरी नन्ही सी परी
मेरी प्यारी बिटिया।
थोड़ी सी नटखट
बहुत ज्यादा शरारती
बातों की है धनी
हर कामों में बेहतर
आती हमेशा अव्वल।
मेरे आँगन की वनवारी में
खिलती उसकी मुस्कुराहटें
मेरे इस अंधेरे संसार में
रौशन कर रही ज्योति बन के
अपने कोमल कोमल हाथों से
मेरे खाली मकान को
सजाती रहती।
वो सबकुछ जानती
है वो मेरी आयत
मेरे घर की लक्ष्मी
मेरे जीवन की संगीत
मेरे जीने की वजह
मेरी नन्ही सी परी
मेरी प्यारी बिटिया ।