आलसी टमाटर
आलसी टमाटर
लाल लाल टमाटर के देश में
रह रहे है सब मौज-मस्ती में।
कोई छोटा है तो कोई मोटा है
पर हर कोई जमीन पर लेटा है।
सुबह से शाम तक सेंक कर धूप
रात में सारे लाल टमाटर रहते चुप ।
एक दिन राजा लाल टमाटर था परेशान
कारण जानने महल पहुँचा एक मेहमान ।
बड़ी ही चिंता की थी बात
आलस को सबने दे दी थी मात।
यहाँ कोई न करता परिश्रम, न कोई काम
अपने अपने घरों में पूरे दिन करते आराम।
राजा लाल टमाटर पूछा- अब क्या होगा?
मेरे इस सुंदर देश का विकास कैसे होगा?
सुनकर राजा लाल टमाटर की बात
मेहमान बोला- चिंता न करें महाराज
इस बीमारी का है मेरे पास इलाज ।
उस मेहमान की मेहरबानी से आकाशवाणी हुई
करेगा जो मेहनत, जीतेगा सबका दिल
वही परी-लोक जाने
के लिए होगा काबिल।
लाल टमाटर के देश ये बातें फैल गई
मेहनत करने की लगन सबमें जाग गई।
देखते देखते सबने आलस को त्याग दिया
एक अच्छे देश-नागरिक होने का प्रमाण दिया।
लाल टमाटर का देश बदल गया
ये चर्चा पूरी दुनिया में फैल गया।
राजा लाल टमाटर की चिंता हुई दूर
मेहमान आज्ञा ले चला अपने देश मैसूर ।
परी रानी को जब पता चला
लाल टमाटरों ने खुद को बदला
आ गई पूरा करने अपना वादा ।
आसमान से हुई फूलों की वर्षा
तुम्हारा देश ही है सबसे अच्छा ।
मेहनत से स्वर्ग भी आ जाते हैं जमीन पर
सब खुश हो गए परी की बात सुनकर।
सबको अपनी गलतियों का अहसास हुआ
आलस से कहाँ किसी का विकास हुआ?
जीवन का यह अनमोल सीख देकर
परी रानी लौट कर चली गई अपने घर।