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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Romance Fantasy Others

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Romance Fantasy Others

क्यूँ मुझसे अँखियाँ चुरा रहे हो

क्यूँ मुझसे अँखियाँ चुरा रहे हो

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विधा: नव गीत


आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को

फुदक फुदक कर राग उठे जो 

उन सब को मीत बनाने को  

आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को

दिल की गाथा उन्नत माथा 

गीत नया संगीत व्यथा का 

उर की उष्मा हिय की भाषा 

खाली पेट भर पाने को 

आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को


मुझमें मेरा तुझमें तेरा 

ध्यान कहां लग पायेगा 

कुंतल कुंतल बीन बजेगी 

गली गली जब शाम ढलेगी 

ऐसे सब व्यवधान रोक दूँ

आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को

बस्ती बस्ती रोती हस्ती 

तड़क भड़क की वेला में 

इंसानों के जंगल का मैं 

भैरव मगन विहान छेड़ दूँ

आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को 

फुदक फुदक कर राग उठे जो 

उन सब को मीत बनाने को  

आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, 

मन के गीत सुनाने को 



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