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SHYAM NAMDEV

Tragedy

5  

SHYAM NAMDEV

Tragedy

क्यों ? कैसे ?

क्यों ? कैसे ?

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काव्य कुसुम कानन में कविता, कलुषित हुई कहो कैसे

पुण्यमयी पावन सुरसरिता, दूषित हुई कहो कैसे।।


खुशियों की क्यारी में ही क्यों दुखों की वर्षा होती है

आज जिंदगी क्यों और कैसे  मृत्यु गोद में सोती है।

प्रेम मिलापों में नफरत का बीज कहाँ से उग आया,

कृष्ण सुदामा से मित्रों में शत्रु कौन निकल आया।।

निश्छल प्रेम की यह प्रतिमा भी विकृत हुई कहो कैसे

पुण्यमयी पावन सुरसरिता, दूषित हुई कहो कैसे।।

 

वीर प्रसवनी के गर्भ से कायर ने कैसे जन्म लिया

मानवता ने कायरता को क्यों कैसे स्वीकार किया।

युवा धमनियों में कैसे यह शीतल रक्त प्रवाहित है

इतने बेटों के होते भी माँ का दिल क्यों आहत है।।

युवा दिलों से देशभक्ति आज विलुप्त हुई कैसे

पुण्यमयी पावन सुरसरिता, दूषित हुई कहो कैसे।।

 

माली ने क्यों और कैसे वन उपवन उजाड़ डाले

घर के पहरेदारों ने क्यों घर मे ही डाके डाले।

विद्यालय को बोलो किसने बना दिया है मधुशाला

आज सुरक्षित होती न क्यों अपने ही घर में बाला।।

शिक्षा परिसर में शिक्षा पथभ्रष्ट हुई कहो कैसे

पुण्यमयी पावन सुरसरिता, दूषित हुई कहो कैसे।।

       


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