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Rajesh Mishra

Tragedy

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Rajesh Mishra

Tragedy

कवि बाजार

कवि बाजार

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पिछले कई सालों से कवितायेँ लिखते आ रहे थे

प्रकाशित करने के प्रयास विफल होते जा रहे थे

एक दिन का आपको बताएं हम हाल

हमारी लेखनी ने कर दिया कमाल।


डाकिये न हमें एक पत्र थमाया

किसी प्रकाशन हाउस से पत्र था आया

पत्र पढ़कर अजब ख्याल आया था

प्रकाशक महोदय ने अपने घर बुलाया था।


अगले ही दिन प्रकाशक महोदय से

मिलने की तैयारी कर ली

कुछ चुनिंदा रचनाएँ पॉकेट में भर ली

प्रकाशक महोदय ने हमारी रचनाएँ

छापने से इंकार कर दिया था,


पर एक अनोखा प्रस्ताव

हमारे सम्मुख धर दिया था

उनका प्रस्ताव आपको भी बताएँगे

सुनकर आप दंग रह जायेंगे

प्रकाशक महोदय बोले

आपकी रचना तो हमें पसंद आयी है

पर बंधु छापने में थोड़ी कठिनाई है।


आपकी रचनाएँ हमने कई कवियों को दिखाई हैं

उन्होंने ने भी तहे दिल से आपकी रचनाएँ सराही हैं

आपके साथ हमारी थोड़ी मज़बूरी है

काम के साथ बड़ा नाम भी जरुरी है।


इस क्षेत्र में आप नए आये हैं

बाजार मैं पुराने कवी छाए हैं

हमने कहाँ भूमिका को गोली मारिये

असली बात पे आइये

हमें अपने क्यों बुलाया है

ये बात बताइये।


प्रकाशक महोदय बोले -

अब हम आपको असली बात बताते हैं

कुछ कवि आपकी रचनाएँ खरीदना चाहते हैं

आपकी कवितायेँ उनके नाम से छप जाएगी 

उचित कीमत आपको भी मिल जाएगी।


देखिये श्रीमान ये भी एक बाजार है

आज कविता लिखना भी व्यापर है

दाम की चिंता छोड़िये

जो कहेंगे मिल जायेगा

बड़े से बड़ा कवि

खरीदार के रूप में मिल जायेगा।


आप किसी झंझट में नहीं पड़ेंगे

आपकी कविताओं की ट्रेडिंग हम करेंगे

हम जानते हैं आप जितना कमाते हैं

उससे ज्यादा तो खर्चे ही निकल आते हैं।


अपने हुनर को कहीं तो भुनाइये

गरीबी से निकलने का ये उपाय अपनाइये

आपका काम चल जायेगा

कवियों का नाम चल जायेगा।


हमारा व्यापार जम  जायेगा

प्रस्ताव हमें भी पसंद आया

हमने भी यही रास्ता अपनाया

आज हम दिनरात लिख रहे हैं

कवि बाजार मे धड़ल्ले से बिक रहे हैं।


अब वक़्त हम पर मेहरबान है

कवि बाजार में अपना भी नाम है।


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