Bhoop Singh Bharti
Tragedy
महँगाई लूटण लगी, बाकी बचा न शेष।
ऐसी तैसी हो गई, रोवै सारा देस।
रोवै सारा देस, क्ळेस यो होग्या भारी।
महँगाई की आग, जळावै खुशियां सारी।
हुई आठ सौ साठ, गैस इब मेरे भाई।
घणा बढा यो तेल, तेल काढै महँगाई।
झूमता बसंत है
कुंडलिया : "म...
कुंडलिया
कुंडलिया : "प...
हाइकु : नव वर...
रैड क्रॉस
गीत
मैं दिल से मजबूर हूँ अपने और वो दुनियादारी से। मैं दिल से मजबूर हूँ अपने और वो दुनियादारी से।
हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।। हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।।
तेरे लंबे बाल और गुलपोशी के चर्चे हर जगह थे खुबसूरती बेहद थी तुझमें पर पहरे हर जगह थे. तेरे लंबे बाल और गुलपोशी के चर्चे हर जगह थे खुबसूरती बेहद थी तुझमें पर पहरे ह...
यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती है ... यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती ह...
अब आयी चुनाव की भूख है, युवा बना बेवकूफ है। धर्म को मुद्दा हम बनाएंगे, युवाओं का वोट अब आयी चुनाव की भूख है, युवा बना बेवकूफ है। धर्म को मुद्दा हम बनाएंगे, ...
बस जन्म जहाँ परिचायक हो, फिर चाहे योग्य या नालायक हो। बस जन्म जहाँ परिचायक हो, फिर चाहे योग्य या नालायक हो।
#JusticeForPriyankaReddy पॉलिटिक्स का एक नया कारण बन गई, मेरी कहानी को निर्भया, अशिफ़ा के साथ जोड़ गय... #JusticeForPriyankaReddy पॉलिटिक्स का एक नया कारण बन गई, मेरी कहानी को निर्भया,...
संसद में हो या गलियों में, नारी का अपमान गलत है । संसद में हो या गलियों में, नारी का अपमान गलत है ।
अपने घर का हाल देखकर,चुप रहना मत रोना अम्मा । अपने घर का हाल देखकर,चुप रहना मत रोना अम्मा ।
मुलजिम हो तुम अपने ही तबके की उन तमाम नवजातों की. मुलजिम हो तुम अपने ही तबके की उन तमाम नवजातों की.
मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं। मन में कष्टों को बंधी किए, जीवन की एक उमंग हूं मैं, पुरुष हूं मैं।
बिखर रहा है किसी नीड़ सा, तिनके- तिनके प्यार । बिखर रहा है किसी नीड़ सा, तिनके- तिनके प्यार ।
घर घर जाके सबको हम सपना यही दिखाएंगे अच्छे दिन आएँगे, अच्छे दिन आएँगे। घर घर जाके सबको हम सपना यही दिखाएंगे अच्छे दिन आएँगे, अच्छे दिन आएँगे।
छाती से चिपकाकर सुधियाँ पीड़ाओं ने लोरी गायी ! छाती से चिपकाकर सुधियाँ पीड़ाओं ने लोरी गायी !
तथा स्क्रीन पर आ गए भगत, सुभाष और अन्य वीर क्रांतिकारी। तथा स्क्रीन पर आ गए भगत, सुभाष और अन्य वीर क्रांतिकारी।
नौकरी कर घर लौटती औरत बेहद थकी होती है. नौकरी कर घर लौटती औरत बेहद थकी होती है.
कुछ भी करें आज़ाद है अब तो हम, अधिकार ही हैं,फर्ज़ कहाँ मानते हैं। कुछ भी करें आज़ाद है अब तो हम, अधिकार ही हैं,फर्ज़ कहाँ मानते हैं।
जीवन से बड़ी प्रयोगशाला इस दुनिया में और कोई नहीं है। जीवन से बड़ी प्रयोगशाला इस दुनिया में और कोई नहीं है।
राजनीति के दलदल में, घुटने टेक रही है गौ माता। राजनीति के दलदल में, घुटने टेक रही है गौ माता।
औंधी पड़ी हुई धरती पर, निपट अभागिन छाँव। औंधी पड़ी हुई धरती पर, निपट अभागिन छाँव।