कुंडलिया
कुंडलिया
चम-चम चमकै बीजळी, मारै मेघ दहाड़।
छम-छम बरसै बादळी, दरके कितै पहाड़।।
दरके कितै पहाड़, उफणने नदियां लागी।
लांघे पुळ अर बांध, जान सांसत म्हं आगी।।
बरसे मूसळधार, मेघ ये देखो दम-दम।
ल्यादी सारै बाढ़, बीजळी चमकै चम-चम।।
चम-चम चमकै बीजळी, मारै मेघ दहाड़।
छम-छम बरसै बादळी, दरके कितै पहाड़।।
दरके कितै पहाड़, उफणने नदियां लागी।
लांघे पुळ अर बांध, जान सांसत म्हं आगी।।
बरसे मूसळधार, मेघ ये देखो दम-दम।
ल्यादी सारै बाढ़, बीजळी चमकै चम-चम।।