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S Ram Verma

Romance

5.0  

S Ram Verma

Romance

करवाचौथ का चाँद !

करवाचौथ का चाँद !

1 min
253



मैंने तो उसी दिन  

रख दिया था चाँद

तुम्हारी हथेली पर  

जिस दिन तुमने

मेरे प्रेम को स्वीकारा था !


मैंने तो उसी दिन  

रख दिए थे कई चाँद

चाँद की चमकती चांदनी 

से तुम्हारे गालों पर

जिस दिन तुमने

मेरे प्रेम को स्वीकारा था !


मैंने तो उसी दिन  

रख दिए थे दो रक्तवर्ण  

चाँद तुम्हारे दोनों होठों पर 

जिस दिन तुमने

मेरे प्रेम को स्वीकारा था !

करवा चौथ का चाँद तो  

उसी दिन रख दिया था 

तुम्हारी हथेली पर जिस 

दिन सहर्ष ओढ़ ली थी तुमने 

मेरे नाम की लाल चुनड़ी !


फिर तुम ही बताओ तुम  

क्यों देखती हो अपने 

प्रेम के आँगन में खड़ी 

होकर चलनी की ओट से  

उस दूर चाँद को आज भी !

जबकि तुम्हारी मुट्ठी में

तो कब से कैद है 

तुम्हारा अपना चाँद !


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