कर्मवीर
कर्मवीर
भाग्य में है जो मिलेगा
बात है ये बिल्कुल सही..
कर्म से इतर पर भाग्य है
ये तुमसे भला किसने कही...!
थे भाग्य में सौ पुत्र
गांधारी धन्य हुई ..
कर्म लेख कि ये गति थी
कि वो भाग्यहीन हुई...!
भाग्य ही था ये कि
कौन्तेय कहलाया सूत पुत्र..
थी कर्म की उसकी गति
बना श्रद्धेय वो सूर्यपुत्र...!
कर्म बिन भाग्य भी
श्रीहीन बन जाएगा..
याद रख तू मनुज ये
कर्मवीर कहलाएगा.....!!
