कर लिया किनारा
कर लिया किनारा
देखा उनके नयनो में प्यार का नज़राना
प्रेम डुबने के डरसे नहीं बनाया याराना।
दिल का पैग़ाम मिल चुका था पूरी तरहा से
उलझनों के डरसे नहीं गा पाया तराना।
खुशियो के उंचे टीलों पर चढ गया में मगर
शाम ढल ना जाये डर से कर दिया रवाना।
मोहब्बत की परवाह करता रहा ये दिल मेरा
आशिकी निभाने नहीं देता यह जमाना।
मुस्कुराहट में भूल गये थे हम दोनो मंजिले
दोनो के तन मिलने का डर बना तड़पाना ।
दो दिल एक धड़कनो का कुसूर न था कोई
भरे बाजार इज्जत उछलने का डर था पुराना।
दिल मे बस जाने के बाद प्यार बदनाम न हो
इसलिये डर से मैने कर लिया था किनारा।

