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Anil Sharma

Tragedy

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Anil Sharma

Tragedy

कोविड से लड़ाई

कोविड से लड़ाई

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भय,अविश्वास की बढ़ रही खाई,

इंसान की जान पर बन आई।


संचार माध्यम बजा रहे विनाश की शहनाई,

देश-प्रशासन की खुल गई कलई।


व्यापार धंधे चौपट नौकरी पर बन आई,

अस्पतालों का हाल देख मानवता शरमाई।


हर कोई दे रहा अकेलेपन की दुहाई,

समाज की सामाजिकता बन गई दुखदाई।


बिखरेे प्रयासों ने असफलताा और बढ़ाई,

घर-घर में बेचैनी ने जगह बनाई।


देश दुनिया लड़ रही कोविड से लड़ाई,

प्रकृति से नासमझी काल बनकर आई।


दुर्गम परिस्थितियों ने जीवन की मुश्किल बढ़ाई,

याद रख मानव,सदा तेरी हिम्मत तेरे काम आई।



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