भय,अविश्वास की बढ़ रही खाई, इंसान की जान पर बन आई। भय,अविश्वास की बढ़ रही खाई, इंसान की जान पर बन आई।
मुश्किल में इस मदद कर उनकी हौसलों को उनके बरकरार रखें। मुश्किल में इस मदद कर उनकी हौसलों को उनके बरकरार रखें।