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Anil Sharma

Abstract Classics

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Anil Sharma

Abstract Classics

शिव - एक सत्य

शिव - एक सत्य

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अनेक नामों से बुलाएं जिन्हें भोला, त्रिपुरारी,जटाधारी,

अपनी पर आ जाएं तो बन जाते प्रलंयकारी।


सुर असुर सभी पूजते जिन्हें,

वो पूज्य महादेव सब पर कृृपाकारी।


काल थर्राये जिनसे हैैैं वो महाकाल,

मुसीबत में याद आए भोलेे भंडारी।


प्रकृति - पुरुष का मेल दिखाते बन अर्धनारीश्वर,

तीनों तापों को हरते त्रिशूल से मुंडमाला धारी।


अखंड तेज से जिनके प्रकाशमान है धरा,

भस्म रमाए तन पर करते नंदी की सवारी।


त्रिनेत्रों से करते तीनोंं लोकों की रखवारी,

सर्वस्व समर्पित मेरा आशुतोष को जिनकी महिमा भारी।


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